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विस्तार
किडनी रैकेट को लेकर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि किडनी लेने वाले की जिस तरीके की लाइफस्टाइल होती थी, वह उसी तरीके की लाइफ स्टाइल डोनर की बना देते थे। इससे डोनर व प्राप्तकर्ता के कागज व शक्ल देखने में एक जैसी लगती थी। इस कारण दोनों डोनर व प्राप्तकर्ता की फाइल पर किसी को संदेह नहीं होता था। गिरोह में ये काम विजय कश्यप करता था। गिरोह कारपोरेट तरीके से चलता था। गिरोह के सभी सदस्यों को अलग-अलग काम दिया गया था।
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