Gonda Train Accident: बरती गई लापरवाही, संयुक्त जांच में दावा

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Gonda Train Accident: Negligence was shown, joint investigation claimed - track was not tight

गोंडा में रेल हादसा। file
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना की जांच कर रहे वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम ने दुर्घटना के लिए ठीक से नहीं कसी हुई पटरी को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि पैनल के एक सदस्य इस दावे से सहमत नहीं हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उत्तर पूर्व रेलवे जोन के मुख्य जन संचार अधिकारी ने कहा कि सयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर निष्कर्ष तक पहुंचना जल्दबाजी होगी और यह गलत होगा। उन्होंने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की ओर से जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और पहली सुनवाई शुक्रवार को हुई। यह तकनीकी विशिष्टताओं और सूक्ष्म विवरणों के साथ दुर्घटना के हर पहलू का विवरण देगी। कई महत्वपूर्ण चीजें सामने नहीं आती हैं संयुक्त जांच में, इसलिए यह बहुत अपरिपक्व है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 14 कोच बेपटरी हो गए थे। हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई थी। एजेंसी

एसएसई को 1:30 बजे मिली, खामी, ट्रेन 2:28 पर गुजरी

जांच टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ डिवीजन, जिसके अंतर्गत यह सेक्शन आता है, के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (एसएसई) ने दोपहर 1:30 बजे आईएमआर दोष (तत्काल निष्कासन दोष) का पता लगाया और चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ने 2:28 बजे मोतीगंज स्टेशन को पार किया। इसमें कहा गया कि दोपहर 2:30 बजे मोतीगंज के स्टेशन मास्टर को खराब स्थान से ट्रेनों को पार करने के लिए गति नियंत्रण का ज्ञापन दिया गया था। उसके मुताबिक, खराब स्थान से 30 किमी प्रति घंटे की गति से ही ट्रेन को पार कराया जाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन दोपहर 2:31 बजे बेपटरी हुई, जब इंजन खराब जगह से गुजरा।

सीआरएस ने शुरू की जांच

मोतीगंज-झिलाही स्टेशन के बीच बृहस्पतिवार को हुए चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने शनिवार से जांच शुरू कर दी। उन्होंने दुर्घटना से जुड़े सभी पहलुओं की छानबीन की। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ परिमंडल के सीआरएस प्रणजीव सक्सेना शनिवार दोपहर 02.57 बजे स्पेशल ट्रेन से घटनास्थल पर पहु़ंचे। उन्होंने 28 मिनट तक ट्रैक व क्षतिग्रस्त कोच की पड़ताल की। उन्होंने रेलवे क्रॉसिंग के पास कर्मचारियों से हादसे के बारे में पूछताछ की। विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट भी देखी। उनके साथ पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा व अपर मंडल रेल प्रबंधक राजीव कुमार भी रहे। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने रेलवे की आंतरिक समिति से जांच शुरू करा शुक्रवार देर रात अप और डाउन ट्रैक को दुरुस्त कर रेल यातायात भी बहाल कर दिया। 

ट्रैक के पास नमी छिपाने में जुटे रहे जिम्मेदार

रेलवे ट्रैक के आसपास शनिवार को 30 से अधिक रेलकर्मी मुस्तैद रहे। गिट्टी व मिट्टी डालकर नमी के स्थानों को ढक रहे थे। इस कवायद के बाद भी ट्रैक के पास जलभराव नजर आ रहा था। बताया जा रहा है कि जलभराव के चलते ही ट्रैक कमजोर हुआ था और बड़ी दुर्घटना हो गई।

41 अधिकारी व कर्मचारी तलब

गोंडा, डिब्रूगढ़ व गुवाहाटी (मालीगांव) के 41 रेल अधिकारी व कर्मचारी रविवार को को डीआरएम दफ्तर लखनऊ में तलब किए गए हैं। माना जा रहा है कि बयान दर्ज होने के बाद जल्द ही कई लोगों पर गाज गिर सकती है।

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