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स्क्रैप कारोबारी के कर्मचारी ने अपने मालिक के साठ लाख रुपये उड़ा लिए। वारदात के बाद उसने लूट की झूठी कॉल की और गायब हो गया। मालिक विरेंद्र गर्ग ने मामले की शिकायत पुलिस से की। करीब डेढ़ साल तक आरोपी पुलिस को चकमा देता रहा। आखिर अपराध शाखा की टीम ने आरोपी को रोहिणी से ढूंढ निकाला। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपी की पहचान मंगल तिवारी उर्फ सुनील (24) के रूप में हुई है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर चोरी की रकम से खरीदा गया सामान बरामद करने का प्रयास कर रही है। वारदात के बाद मंगल लगातार अपने ठिकाने बदलकर वारदात को अंजाम दे रहा था।
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार ने बताया कि एक जनवरी 2023 को पीतमपुरा निवासी विरेंद्र गर्ग ने एक शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उनका लोहे के स्क्रैप का कारोबार है। 31 दिसंबर 2022 को विरेंद्र ने अपने फील्ड का काम करने वाले मंगल नामक युवक को एक बैग दिया। उसमें साठ लाख रुपये थे। 31 दिसंबर को मंगल कारोबारी के घर पर रुका। अगले दिन उसे रुपये लेकर विरेंद्र के दोस्त के पास जाना था। शाम करीब पांच बजे मंगल ने कॉल कर पैसे लूटे जाने के बारे में बताया। इस बात पर विरेंद्र ने उससे ऑफिस आकर पुलिस को शिकायत करने के लिए कहा तो वह आना-कानी करने लगा। इसके बाद वह गायब हो गया।
रूप नगर थाना पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी, लेकिन आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा। इस बीच अपराध शाखा की टीम को खबर मिली कि आरोपी रोहिणी इलाके में छिपकर रह रहा है। सूचना के बाद अपराध शाखा की टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी ने चोरी की रकम से फुल मौज ली। आरोपी ने मकान, कार और जेवरात खरीदे। इसके बाद वह लगातार अपने मकान भी बदलता रहा। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी कहां-कहां रहा और उसने रकम का क्या किया। पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है।
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